बाल श्रम (child labour)
बचपन ज़िन्दगी का एक ऐसा हिस्सा है जो कबी वापस नहीं आयेगा।बचपन में ना कोई परेशानी होती है।ना कोई गाम बच्चे अपनी ज़िन्दगी बिना कोई परेशानी के गुज़र लेते है।।उन्हे मालूम बी नहीं होता परेशानी नाम की कोई चीज है।।
मां के आंचल में पापा के साथ बचपन कैसा गुज़र ता है पता बी नहीं चलता
बचपन से जुड़ी यादे बहुत खास होती है।कबी भी याद करें दिल को बहुत सुकून मिलता है।कुछ समय के लिए हम अपनी अब ज़िन्दगी भूल जाकर बचपन में जीने लगते है।
*ऐसे खास बचपन जो कुछ लोगों ने अपने लिए बच्चों का बचपन चीन लेते है।। बाल श्रम बी ऐसा ही है।
बाल श्रम :
बाल श्रम का मतलब यह है कि जिसमें कार्य करने वाले व्यक्ति कानून निर्धारित किए हुए आयु सीमा से चोटा होता है।।
अतीत में बाल श्रम का अनेक प्रकार उपयोग किया जाता ता।लेकिन वक़्त के साथ बदलाव में बाल श्रम को कानून अपराध माना गया।और कई सारी योजनाएं बाल श्रम को रोकने के लिए लड़ना शुरू किया।।
अभी समाज में कई देशों में बाल श्रम आम है। कुछ देशों मै बाल श्रम बहुत काम होगया ।।
भारत में कब बाल श्रम के खिलाफ नियम बनाया गया था
भारत में 1986 पहले बहुत सारे बच्चों 14 से कम उम्र के लड़का या लड़की बाल श्रम के शिकार हुए है।
भारतीय जनगनान नियम के अनुसार बाल श्रम (निषेध एवम् विनियमन) अधिनियम 1986 में बनाया गया है।
इसके अनुसार बाल श्रम कानून रूप से जूर्म है।।
बाल श्रमिक की मुख्य समस्या::
दुघर्टना का खतरा:
बाल श्रमिक लंबे समय तक एक जैसे ही काम करते रहे ते है।उन्हे बहुत काम समय मिलता है वोह मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो जाते है।इसलिए वह दुर्घटना का शिकार हो जाते है।।
रसायन एवं भारी मशिनारी::
यह मिशिने बड़े लोग को काम करने के लिए है।।बच्चों के लिए नहीं।।यह रसायन बच्चों पर जल्दी असर करके उनके लिए हानिकारक बन सकती है
अधिक बाल मजदूर की संख्या
अगर क्रई (child right and you)
के रिपोर्ट के हिसाब से उत्तर प्रदेश में 2,50,672 बाल मजदूर है।इसके बाद बिहार में 1,28,087 और महाराष्ट्र में 82,847 बाल मजदूर है ।
बाल श्रम के दुष्परिणाम
बाल श्रम के दुष्परिणाम यह है कि इन बच्चों को पढ़ाई लिखाई से बहुत दूर होते है।।बच्चों से ही देश का विकास होता है।।अगर बच्चे पड़े लिखे नहीं रहेंगे तू देश का विकास सही नहीं होगा।।
* बाल श्रम बचपन का दुखनिए संगठन है।जो बी बचा बाल श्रम का शिकार बन जाता है।।वह अपनी ज़िन्दगी में अपनी मंजिल नहीं पता।।
*उसकी पूरी ज़िन्दगी मजदूरी में ही जीने लागत है।उसे वहीं काम अच्छा लगता है।।दूसरी मंजिल के तरफ उसकी सोच बी नहीं जाती।।यह सब उसका बचपना का असर होता है।।
बाल श्रम की वजह
*गरीबी बाल श्रम की मुख्य वजह है। उनके मा बाप बच्चों को ना चाहते हुए काम करने के लिए भेजते है।
*अक्सर देखा गया की बाल मजदूर के मा बाप बी अपने बचपन बाल श्रम करने वाले ही ते।
*अनाथ बच्चों बहुत बाल श्रम के शिकार हुए है।
*ऐसे बच्चों को बहुत सारे लोग अपने घर लेके जाके उनसे घर का पूरा काम कर ते है।
बाल श्रम कानून अपराध है। हम हमारी तरफ से भी कोशिश चाहिए बाल श्रम को रोखने के लिए।
*बहुत सारी एनजीओ भी खोशिश कर रहे है।।
उम्मीद है बहुत जल्द बाल श्रम मिट जाएगा।।
बाल श्रम रोख्ने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई है।।हम भी हमरे और से कोशिश करते रहेंना होगा।।हम हमारे पास बाल मजदूरी करने वाले बच्चो देखे तो उनको उनकी सही अधिकार दिलाने की कोशिश करनी चाहिए
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